कमला नेहरू का जीवन परिचय,कमला नेहरू का जन्म ,गांधी जी से मुलाकात ,कमला नेहरू की मृत्यु ,कमला नेहरू के कितने बच्चे थे, ककमला नेहरू का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान

कमला नेहरू का जीवन परिचय

कमला नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत ही स्वाधीनता आंदोलन के दौरान इन्होंने नेहरू जी का साथ बखूबी निभाया और कई मौकों पर आंदोलनों में भाग भी लिया कमला नेहरू को सौम्यता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति के रूप में याद किया जाता है कमला दिल्ली के एक परंपरागत परिवार में पैदा और बड़ी हुई थी पर इन्होंने नेहरू परिवार में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया था कमला नेहरू का जीवन परिचय

कमला नेहरू का जन्म 

कमला नेहरू का जन्म 1 अगस्त 1899 को दिल्ली के एक व्यापारी पंडित जवाहरलालमल और राजपति कौल के घर हुआ जो एक परंपरागत कश्मीरी ब्राह्मण परिवार था कमला के दो छोटे भाई और एक छोटी बहन थी -चंद्र बहादुर कौल, कैलाश नाथ  कौल और स्वरूप एक परंपरावादी हिंदू ब्राह्मण परिवार पली-बढ़ी होने के कारण हिंदू संस्कार कमला के चरित्र का एक प्रमुख हिस्सा थे कमला बेहद शांत और शर्मीली प्रवृत्ति की लड़की थी इनकी शिक्षा घर पर हुई थी शादी से पहले इन्हें अंग्रेजी भाषा का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था कमला मात्र जब 17 साल की थी

तब इनका विवाह जवाहरलाल नेहरू से हो गया दिल्ली के परंपरावादी हिंदू ब्राह्मण परिवार से संबंध रखने वाली कमला के लिए पश्चिमी परिवेश वाले नेहरू खानदान में एकदम विपरीत माहौल मिला जिसमें वह खुद को अलग महसूस करती रही विवाह पश्चात नेहरू दंपति की पहली संतान इंदिरा ने 17 नवंबर 1917 को जन्म लिया कमला ने नवंबर 1920 में एक पुत्र को जन्म दिया परंतु वह कुछ ही दिन जीवित रहा विवाह पश्चात कमला नेहरू को स्वाधीनता संग्राम को समझने और नजदीकी से देखने का मौका मिला क्योंकि इनके पति जवाहरलाल और ससुर मोतीलाल दोनों ही आंदोलन में सक्रिय थे

जब तक वह जीवित रही अपने पति जवाहरलाल नेहरू का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया सन 1921 के असहयोग आंदोलन के साथ वह भी स्वाधीनता आंदोलन में कूदी इस आंदोलन के दौरान इन्होंने इलाहाबाद में महिलाओं का एक समूह गठित किया और विदेशी वस्त्र तथा शराब की बिक्री करने वाली दुकानों का घेराव किया इनके अंदर गजब का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता थी

जिसका परिचय इन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान कई बार दिया एक बार जब जवाहरलाल नेहरू को सरकार द्वारा विरोधी भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो कमला नेहरू ने आगे बढ़कर उस भाषण को पूरा किया स्वाधीनता आंदोलन के दौरान अंग्रेजी सरकार ने इनकी गतिविधियों के लिए इन्हें दो बार गिरफ्तार भी किया था जब गांधी जी ने 1930 के नमक सत्याग्रह के दौरान दांडी यात्रा की तब कमला नेहरू ने भी इस सत्याग्रह में भाग लिया था कमला एक निडर और निष्कपट महिला थी

वह जवाहरलाल नेहरू के राजनीतिक लक्ष्यों को समझती थी और उसमें यथाशक्ति मदद भी करती थी सन 1930 में जब कांग्रेस के सभी शीर्ष नेता जेलों में बंद थे तब इन्होंने राजनीति में जमकर रुचि दिखाई समूचे देश की महिलाएं सड़कों पर उतर पड़ी थी और कमला भी इनमें से एक थी कमला दिखने में सामान्य थी लेकिन कर्मठता के मामले में उनका व्यक्तित्व साधारण था कमला नेहरू का जीवन परिचय

गांधी जी से मुलाकात 

आजादी की लड़ाई के दौरान कमला नेहरू बहुत समय तक महात्मा गांधी के आश्रम में भी रही थी यहां वह गांधी जी की धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी के संपर्क में आई इसी दौरान इनकी मित्रता जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती देवी से भी हो गई थी जे.पी. उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए थे

उस दौरान प्रभावती गांधी आश्रम में ही रही थी कमला नेहरू टी.बी. से पीड़ित थी और उस समय यह बीमारी खतरनाक बीमारी मानी जाती थी इनके इलाज और स्वास्थ्य लाभ के लिए इन्हें स्विजरलैंड ले जाया गया पर इनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और धीरे-धीरे इनका स्वास्थ्य गिरता ही गया कमला नेहरू का जीवन परिचय

कमला नेहरू की मृत्यु 

28 फरवरी 1936 को स्विजरलैंड के लोजान शहर में कमला नेहरू ने अंतिम सांस ली थी इनकी मृत्यु के समय जवाहरलाल नेहरू के साथ-साथ इंदिरा नेहरु की माता स्वरूपरानी और डॉक्टर अटल वहां मौजूद थे कमला नेहरू की याद में कई संस्थानों और स्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है उनमें मुख्य है

कमला नेहरू तकनीकी संस्थान सुल्तानपुर, कमला नेहरू कॉलेज दिल्ली, कमला नेहरू महिला विद्यालय आदि

कमला नेहरू का जीवन परिचय