फ्रांसीसी का इतिहास, फ्रांसीसी क्रांति के कारण, फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं का योगदान , फ्रांसीसी महिलाओं की प्रमुख लीडर कौन थी, फ्रांसीसी समाज में महिलाओं का जीवन कैसा था

फ्रांसीसी का इतिहास

18वीं शताब्दी में फ्रांस की क्रांति हुई जिसका पूरे विश्व में व्यापक प्रभाव पड़ा फ्रांसीसी में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की जिस भावना का विकास हुआ उसने विश्व के अन्य राष्ट्रों को भी प्रभावित किया था प्राचीन राजतंत्र के तहत फ्रांसीसी सम्राट अपनी मर्जी से कर नहीं लगा सकता था इसके लिए उसे एस्टेट जनरल अर्थात प्रतिनिधि सभा की बैठक बुलाकर नए करो के अपने प्रस्ताव पर मंजूरी लेनी पड़ती थी

एस्टेट जनरल एक राजनीतिक संस्था थी जिसमें तीनों स्टेट अपने अपने प्रतिनिधि भेजते थे लेकिन सम्राट ही यह निर्णय करता था कि इस संस्था की बैठक कब बुलाई जाए इसकी अंतिम बैठक 1614 में बुलाई गई थी

फ्रांसीसी सम्राट लुई16वे ने 5 मई 1789 को नए करो के प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए एस्टेटस जनरल की मीटिंग बुलाई प्रतिनिधियों की मेजबानी के लिए वर्साय के एक आलीशान भवन को सजाया गया पहले और दूसरे स्टेट में इस बैठक में अपने 300- 300 प्रतिनिधि भेजें जो आमने-सामने की कतारों में बिठाए गए तीसरे स्टेट के 600 प्रतिनिधि उनके पीछे खड़े किए गए तीसरे स्टेट का प्रतिनिधित्व इसके अपेक्षाकृत समृद्ध और शिक्षित वर्ग कर रहे थे | फ्रांसीसी का इतिहास |

फ्रांसीसी क्रांति के कारण

यूरोप के अन्य देशों के समान फ्रांस में भी  निरंकुश राजतंत्र था राजा के हाथों में सारी शक्ति केंद्रित थी राजा अपने आपको ईश्वर का प्रतिनिधि तो मानता था उसकी इच्छा ही कानून थी फ्रांस के पूर्व वंश का सम्राट लुई 14वां कहता था “मैं ही राज्य हूं” लुई 16वां का कहना था ‘कि मेरी इच्छा ही कानून है’ इस व्यवस्था में राजा की आज्ञा का उल्लंघन करना अपराध था फ्रांस का राज दरबार विलासिता का केंद्र था जनता से वसूला गया

धन निर्ममता पूर्वक राजा अपने भोग विलास और आमोद प्रमोद पर खर्च करता था राजा के सलाहकार सेवक और अधिकारी भ्रष्ट थे उनका एकमात्र उद्देश्य  राजा की चाटुकारिता कर अपना उल्लू सीधा करना था राजा के प्रमुख पदों पर योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि पैरवी प्रयुक्त की जाती थी पदाधिकारी एवं दरबारी एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए षड्यंत्र में लगे रहते थे इससे प्रशासन पर बुरा प्रभाव पड़ता था

फ्रांस की प्रशासनिक व्यवस्था की एक बड़ी दुर्बलता यह थी कि प्रशासन की सारी शक्ति राजा के हाथों में केंद्रित थी उनकी इच्छा और सहमति के बिना कोई कार्य नहीं हो सकता था प्रशासनिक संस्थाओं का प्रचलन नहीं था इस परिस्थिति में प्रशासनिक व्यवस्था शिथिल पड़ गई क्योंकि राजा को भोग विलास से निकलकर प्रशासन की ओर ध्यान देने की फुर्सत ही नहीं थी फ्रांस में प्रशासनिक एकरूपता का सर्वथा अभाव था

वहां का प्रशासन अव्यवस्थित था, विभिन्न प्रांतों, जिलों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों में अलग-अलग कानून प्रचलित थे माप- तोल की प्रणाली, नई व्यवस्था एवं कानून तथा मुद्रा के प्रचलन में भी एकरूपता का अभाव था फ्रांस की न्याय व्यवस्था में भी अनेक दुर्गुण विद्यमान थे, न्याय व्यवस्था अत्यंत महंगी थी छोटे-छोटे मुद्दों में भी अत्यंत धन खर्च होता था उस समय सुयोग्य जज भी नहीं थे इसलिए न्याय पाना अत्यंत कठिन था

फ्रांस की राजनीतिक प्रशासनिक व्यवस्था में व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कोई स्थान नहीं था राजा के विरुद्ध भाषणों के माध्यम से आवाज नहीं उठाई जा सकती थी क्योंकि प्रकाशन पर कठोर नियंत्रण था राजा मुकदमा चलाए बिना भी किसी की गिरफ्तार कर दंडित करवा सकता था धार्मिक स्वतंत्रता भी नहीं थी फ्रांसीसी क्रांति के लिए फ्रांस की आर्थिक स्थिति भी जिम्मेदार है, क्योंकि उसमें फ्रांस की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी

क्योंकि फ्रांस ने अमेरिका के उपनिवेशो को ब्रिटेन के शासन से मुक्त कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन किया था जिसमें फ्रांस को लगभग 10 अरब लिब्रे से भी ज्यादा धन खर्च करना पड़ा जिससे फ्रांस की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई | फ्रांसीसी का इतिहास |

फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं का योगदान 

1789 से लेकर 1795 तक की अवधि में क्रांतिकारी गतिविधियों में समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा महिलाओं के योगदान के बिना क्रांति और उसकी उपलब्धियों की कल्पना भी नहीं की जा सकती क्रांति में महिलाओं की भूमिका सक्रिय और महत्वपूर्ण रही पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिलाओं ने एक ऐसे समाज की स्थापना की जो स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व के आदर्श पर टिका था किंतु अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए उन्हें पुरुषों के विरुद्ध संघर्ष भी करना पड़ा था

1 जनवरी 1789 को तीसरे एस्टेट की महिलाओं ने राजा को एक अधिकार पत्र प्रस्तुत किया उस पत्र में महिलाओं ने राजा से कहा कि महिलाओं को भी अपनी मां को स्पष्ट करने का अवसर मिलना चाहिए महिलाओं ने अपनी स्थिति और उन पर होने वाले अत्याचारों पर प्रकाश डाला था फ्रांसीसी क्रांति प्रारंभ में तीसरे एस्टेट के लोगों ने राष्ट्रीय सभा की स्थापना की थी जिसको 1789 के ग्रीष्म में प्रथम और द्वितीय एस्टेट ने मान्यता दी

इस प्रारंभिक चरण में महिला क्रांतिकारी राजनीति की ओर आकर्षित हुई नवनिर्मित एस्टेट जनरल के कई सदस्यों का चुनाव महिलाओं के मत के कारण हुआ अब महिला मताधिकार का उपयोग कर सकती थी, बल्कि प्रशासनिक संस्थाओं में निर्वाचित होने का भी अधिकार था फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं के अलावा साधारण महिलाओं का भी योगदान रहा इन साधारण महिलाओं की समस्या बेरोजगारी, भूख और मुद्रा से संबंधित थी उनकी मुख्य मांग उचित दर पर उचित मात्रा में अनाज की उपलब्धि थी

इस समय के अधिकतर जन आंदोलन का मुख्य मुद्दा अनाज की आपूर्ति से संबंधित था इसके बाद अक्टूबर 1789 में बिगड़ती हुई आर्थिक स्थिति ने एक नए जन आंदोलन को जन्म दिया और यह आंदोलन मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया गया 5 अक्टूबर को पेरिस में इकट्ठी हुई महिलाओं ने वसर्य जाने का निर्णय लिया था नव स्थापित नेशनल गार्ड के सहयोग से महिलाओं ने शाही परिवार को वसर्य से पेरिस आने के लिए बाध्य किया महिलाओं ने राजकीय  परिवार का विरोध इसलिए किया क्योंकि लुई 16वे ने मानव अधिकार संबंधित घोषणापत्र को मान्यता देने से इनकार दिया था

इसके बाद अगस्त 1789 में मानव और नागरिक अधिकार पत्र की घोषणा की गई लेकिन घोषणा पत्र में पुरुषों को प्रदान किए गए अधिकार महिलाओं के लिए भी है यह अस्पष्ट था साथ ही साथ महिलाएं किस दृष्टिकोण और परिभाषा से नागरिक कहीं जाएंगी यह भी व्याख्या नहीं की गई थी 1791 में एक उदारवादी संविधान पारित किया गया इसके बाद बहुत से याचना पत्र प्रस्तुत किए गए जिनमें महिलाओं के अधिकारों की मांग की गई इसके बाद कौन कोंडोर्स नामक एक व्यक्ति ने महिलाओं के लिए आवाज उठाई उसका मानना था कि पुरुष और महिलाओं में समानता है और उन्हें समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए

इसके बाद जनवरी 1792 से फरवरी 1793 के मध्य महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए राजनीतिक क्लब मुख्य तौर पर मध्यवर्गीय महिलाओं के केंद्र बने उन्होंने महिलाओं के अधिकारों से संबंधित याचिका प्रस्तुत की आर्थिक संकट ने निम्न वर्गीय महिलाओं को भी गतिशील बनाया पेरिस में रहने वाली निम्न वर्गीय महिलाओं ने न केवल बढ़ती कीमतों का विरोध किया बल्कि जन आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी

क्रांति के आरंभ में होने वाले जन आंदोलनों में महिलाओं ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी किंतु क्रांति के बाद यह स्पष्ट था कि महिलाओं को नागरिकता के अधिकार नहीं मिलेंगे महिलाओं की राजनीतिक भूमिका पर अंकुश लगा दिया गए किंतु क्रांति महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण थी आगे आने वाले वर्षों में महिलाओं के विचार, कार्य करने के तरीके, उनके प्रति समाज और विशेष रूप से पुरुषों के विचार काफी हद तक क्रांति के दौरान होने वाले परिवर्तनों से प्रभावित थे | फ्रांसीसी का इतिहास |