क्रिकेट खेल का इतिहास , क्रिकेट के नियम , हिंदुस्तान में क्रिकेट की शुरुआत, औपनिवेशिक टूर्नामेंट, क्रिकेट में बदलाव
क्रिकेट खेल का इतिहास
क्रिकेट का खेल सोलवीं शताब्दी से आज तक अत्यंत विस्तृत रूप में विद्यमान है पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1844 के बाद खेला गया यद्यपि आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट 1877 से प्रारंभ हुआ उस समय यह खेल मूल रूप से इंग्लैंड में विकसित हुआ जो अब पेशेवर रूप में अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों में खेला जाता है
क्रिकेट का आविष्कार इंग्लैंड के बच्चों ने किया था यह शुरुआत में बच्चों का खेल था जिसको सबसे पहले सोलवीं सदी में साउथ ईस्ट इंग्लैंड में खेला गया क्रिकेट को बाद में इंग्लैंड के द्वारा ही सारी दुनिया में फैलाया गया था भारत में पहला क्रिकेट क्लब 1792 में कोलकाता में स्थापित किया गया था परंतु राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला मैच 25 जून 1932 को खेला | क्रिकेट खेल का इतिहास |
क्रिकेट के नियम
क्रिकेट इंग्लैंड में 500 साल पहले अलग-अलग नियमों के तहत खेले जा रहे गेंद डंडे के खेलों से पैदा हुआ ‘बैट’अंग्रेजी का एक पुराना शब्द है जिसका सीधा अर्थ है डंडा 17 वी सदी में क्रिकेट की खेल के रूप में पहचान बन चुकी थी और यह इतना लोकप्रिय हो चुका था कि रविवार को चर्चा कर मैच खेलने के लिए इस के दीवानों पर जुर्माना लगाया जाता था
18 वीं सदी के मध्य तक बल्ले की बनावट हॉकी स्टिक की तरह नीचे से मुड़ी होती थी 18- 19 वीं सदी के इंग्लैंड के सामाजिक और राजनीतिक इतिहास ने क्रिकेट को इसका अनोखा स्वरूप प्रदान किया क्योंकि यह क्रिकेट का शुरुआती दौर था क्रिकेट के कानून पहले 1744 ईसवी में लिखे गए उनके मुताबिक हाजिर शरीफों में से दोनों प्रिंसिपल दो अंपायर चुनेंगे जिन्हें किसी भी विवाद को निपटाने का अंतिम अधिकार होगा
स्टेप 22इंच ऊंचे होंगे उनके बीच की गील्लियां 6 इंच की, गेंद का वजन 5 से 6 ओंस के बीच होगा और स्टंप के बीच की दूरी 22 गज होगी बल्ले के रूप व आकार पर कोई पाबंदी नहीं थी दुनिया का सबसे पहला क्रिकेट क्लब 1760 के दशक में बना इसके बाद मेरलिबॉन क्रिकेट क्लब की स्थापना 1787 में हुई थी
1930 के दशक में जाकर पहली बार अंग्रेजी टीम की कप्तानी किसी पेशेवर खिलाड़ी यारकशायर के के बल्लेबाज लेन- हटन- ने की इसके बाद “वाटरलू का युद्ध” ईटन के खेल के मैदान में जीता गया इसका अर्थ यह है कि ब्रिटेन की सैनिक सफलता का राज उसके पब्लिक स्कूल के बच्चों को सिखाए गए मूल्य में था अंग्रेजी आवासीय विद्यालय में अंग्रेज लड़कों को शाही इंग्लैंड के तीन संस्थानों-सेना, प्रशासनिक सेवा,व चर्च के लिए प्रशिक्षित किया जाता था
हिंदुस्तान में क्रिकेट की शुरुआत
हिंदुस्तान के द्वारा क्रिकेट की शुरुआत का श्रेय मुंबई के पारसियों के छोटे से समुदाय को जाता है यह लोग व्यापार के चलते सबसे पहले अंग्रेजों के संपर्क में आए और पश्चिमी कृत होने वाले पहले भारतीय समुदाय के रूप में पारसियों ने 1848 में पहले क्रिकेट क्लब की स्थापना मुंबई में की ,जिसका नाम था ओरिएंटल क्रिकेट क्लब
पारसी जिमखाना क्लब की स्थापना ने जैसे एक नई परंपरा डाल दी दूसरे भारतीयों ने भी धर्म के आधार पर क्लब बनाने शुरू कर दिए हिंदू और मुसलमान दोनों ही 1890 के दशक में हिंदू, इस्लाम जिमखाना के लिए पैसे इकट्ठे करते हुए दिखाई दिए
ब्रिटिश औपनिवेशिक भारत को राष्ट्र नहीं मानते थे उनके लिए तो यह जातियों, नस्लों, धर्मों के लोगों का एक समुच्चय था जिन्हें उन्होंने उपमहाद्वीप के सतर पर एकीकृत किया भारत के बाद पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में क्रिकेट की शुरुआत और स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से हुई थी
पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1844 के बाद खेला गया था यद्यपि आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट 1877 से प्रारंभ हुआ उस समय यह खेल मूल रूप से इंग्लैंड में खेला जाता था जो कि अब पेशेवर रूप में अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों में खेला जाता है| क्रिकेट खेल का इतिहास |
औपनिवेशिक टूर्नामेंट
19वीं सदी के अंत में कई हिंदुस्तानी संस्थाएं व आंदोलन जाति व धर्म के आधार पर ही बने क्योंकि अपनी औपनिवेशिक सरकार भी इन बंटवारे को बढ़ावा देती थी सामुदायिक संस्थाओं को फौरन मिल जाती थी जिमखाना क्रिकेट के इतिहास में प्रथम श्रेणी के क्रिकेट को सांप्रदायिक व नस्ली आधारों पर संगठित करने की रिवाज डाली थी
अपनी बेसिक हिंदुस्तान में सबसे मशहूर क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने वाली टीमें क्षेत्र के आधार पर नहीं बनती थी जैसा कि आजकल रणजी ट्रॉफी में होता है बल्कि धार्मिक समुदायों की बनती थी पत्रकारों, क्रिकेटरों ,राजनेताओं ने 1940 के दशक तक इस पंचकोणीय टूर्नामेंट की नस्ल वादी व संप्रदायिक बुनियाद पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे
इसके विपरीत छत्र आधारित नेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप नामक एक टूर्नामेंट का आयोजन शुरू हुआ लेकिन पांचकोणिय टूर्नामेंट की जगह लेने के लिए इसे आजादी का इंतजार करना पड़ा पंचकोणीय टूर्नामेंट की नींव में ब्रितानी सरकार की ‘फूट डालो, राज करो’ की नीति थी यह एक औपनिवेशिक टूर्नामेंट था जो ब्रिटिश राज के साथ खत्म हो गया | क्रिकेट खेल का इतिहास |
क्रिकेट में बदलाव
क्रिकेट 1970 के दशक में काफी बदल गया था 1970 में दक्षिण अफ्रीका का क्रिकेट से बहिष्कृत किया गया तो 1971 को इसलिए याद किया जाएगा इस साल इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया के बीच सबसे पहला एकदिवसीय मैच मेलबर्न में खेला गया क्रिकेट का ऐसा संस्करण इतना लोकप्रिय हुआ कि 1975 में पहला ‘विश्व कप’ खेला गया और सफल रहा
इसके बाद 1977 में जब क्रिकेट टेस्ट मैचों की 100वी जयंती मना रहा था, तो खेल हमेशा के लिए बदल गया इस बदलाव में किसी खिलाड़ी का नहीं बल्कि एक व्यवसाई का था पैकर ने कहा था कि क्रिकेट एक बाजार है और उसे बेचकर बहुत कर पैसा कमाया जा सकता है इसके बाद टेलीविजन कंपनियों को टेलीविजन प्रसारण का अधिकार बेचकर क्रिकेट बोर्ड अमीर हो गए
टेलीविजन कंपनियों नेविज्ञापन समय व्यवसाय कंपनियों को बेचे जिन्हें इतना बड़ा दर्शक समूह और कहां मिलता निरंतर टीवी कवरेज के बाद क्रिकेटर सेलिब्रिटी बन गए और उन्हें अपने क्रिकेट बोर्ड से तो ज्यादा वेतन मिलने ही लगा इसी के साथ उनकी बड़ी कमाई के साधन टायर से लेकर कोला तक की टीवी विज्ञापन हो गए लगभग 150 साल पहले भारत के अग्रणी क्रिकेटरों को खेल के मैदान के लिए संघर्ष करना पड़ा था आज वैश्विक बाजार हिंदुस्तानी क्रिकेटरों को खेल का सबसे प्रसिद्ध और अमीर खिलाड़ी बना दिया है पूरी दुनिया जैसे अब उनका रंगमंच हो गया है
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