भारतीय राज्यों में जिलों की संख्या ,भारत में कुल जिलों की संख्या 742 है ,भारतीय राज्यों की राजधानी ,भारतीय संस्कृति के विषय में 

भारतीय राज्यों में जिलों की संख्या 

1.आंध्र प्रदेश= 13 जिला 

2.अरुणाचल प्रदेश =25 जिला 

3.असम =34 जिला 

4.बिहार= 38 जिला

5.छत्तीसगढ़= 28 जिला

6.गोवा =2 जिला 

7.गुजरात= 33 जिला 

8.हरियाणा= 22 जिला 

9.हिमाचल प्रदेश =12 जिला 

10.झारखंड= 24 जिला 

11.कर्नाटक= 31 जिला

12.केरल= 14 जिला

13.मध्य प्रदेश= 55 जिला 

14.महाराष्ट्र= 36 जिला

15.मणिपुर= 16 जिला

16.मेघालय= 11 जिला

17.मिजोरम= 11 जिला 

18.नागालैंड= 12 जिला 

19.ओडिशा= 30 जिला 

20.पंजाब=23 जिला

21.राजस्थान=33 जिला

22.तमिलनाडु=38 जिला

23.सिक्किम= 4 जिला 

24.त्रिपुरा= 8 जिला 

25.उत्तर प्रदेश= 75 जिला 

26.उत्तराखंड= 13 जिला 

27.पश्चिमी बंगाल= 23 जिला 

28.अंडमान निकोबार द्वीप= 3 जिला 

29.चंडीगढ़= 1 जिला 

30.दादर और नगर हवेली= 3 जिला 

31.दिल्ली= 11 जिला 

32.जम्मू एवं कश्मीर= 20 जिला 

33.लक्ष्यद्वीप= 1 जिला 

34.पांडिचेरी= 4 जिला

35.लद्दाख= 2 जिला 

36.तेलंगाना =31 जिला भारतीय राज्यों में जिलों की संख्या 

भारत में कुल जिलों की संख्या 742 है 

भारतीय राज्यों की राजधानी 

1.राजस्थान- जयपुर

2.महाराष्ट्र- मुंबई

3.नागालैंड- कोहिमा 

4.मणिपुर- इंफाल 

5.जम्मू कश्मीर- श्रीनगर 

6.पश्चिम बंगाल- कोलकाता 

7.तेलंगाना- हैदराबाद 

8.असम- दिसपुर 

9.त्रिपुरा- अगरतला 

10.मध्य प्रदेश- भोपाल 

11.तमिलनाडु- चेन्नई 

12.गुजरात- गांधीनगर 

13.सिक्किम- गंगटोक 

14.आंध्र प्रदेश- अमरावती, हैदराबाद 

15.उत्तर प्रदेश- लखनऊ

16.पंजाब- चंडीगढ़

17.कर्नाटक- बेंगलुरु

18.मेघालय- शिलांग 

19.उत्तराखंड- देहरादून 

20.गोवा- पणजी

21.हरियाणा -चंडीगढ़

22.मिजोरम- आइजोल

23.अरुणाचल प्रदेश- इटानगर 

24.हिमाचल प्रदेश- शिमला 

25.केरल- तिरुवंतपुरम 

26.छत्तीसगढ़- रायपुर 

27.बिहार- पटना 

28.झारखंड- रांची 

29.उड़ीसा- भुनेश्वर भारतीय राज्यों में जिलों की संख्या 

भारतीय संस्कृति के विषय में 

भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है भारतीय संस्कृति सबसे ज्यादा संपन्न और समृद्ध और अनेकता में एकता ही उसकी मूल पहचान है भारत संसार का एक प्राचीन विशाल देश है यहां पर ऋषि-मुनियों ने वनों ,नदी, तटों और पर्वतों की गुफाओं आदि में बैठकर ज्ञान प्राप्त किया था उसी ज्ञान के प्रकाश से भारतीय संस्कृति का मार्ग प्रकाशित हुआ है संस्कृति का संबंध मानव की आत्मा और मन से होता है भारतीय संस्कृति का मूल आदर्श आत्मा का ज्ञान ही है इसमें संसार के भौतिक तत्वों के प्रति मोह नहीं है देश में होने वाले धार्मिक आंदोलनों ने इस संस्कृति को और भी अधिक उदार बनाया है

भारत ही एक ऐसा देश है जहां एक से ज्यादा जाति, धर्म, समुदाय, लिंग के लोग  मिल जुल कर रहते हैं और सभी अपनी अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए स्वतंत्र है तभी तो भारत में लिखे गए वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, गीता आदि ग्रंथ भी सारे देश में एक समान पूजे जाते हैं महाकवि तुलसीदास की ‘रामचरितमानस’ का सारे देश में प्रभाव होना इसी का प्रमाण है महर्षि व्यास जी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 18 पुराणों में दो ही बातें कही है परोपकार करना ही पुण्य है, और दूसरों को पीड़ा देना ही पाप है

भारतीय संस्कृति में ‘पुण्य’ को ही प्रधानता दी गई है पाप कर्म का निषेध किया गया है भारतीय संस्कृति को विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी माना जाता है जीने की कला या विज्ञान और राजनीति का क्षेत्र भारतीय संस्कृति का सदैव विशेष स्थान रहा है संस्कृति किसी भी देश जाति और समुदाय की आत्मा होती है संस्कृति का साधारण अर्थ होता है संस्कार,सुधार, परिष्कार, शुद्धि,सजावट आदि भारत के लोग वसुदेव कुटुंबकम पर विश्वास रखते हैं यानी कि सभी के साथ मिल जुलकर रहना भले ही भाषा और रंग रूप अलग हो परंतु सभी भारतीय हैं भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है इतिहास के अनुसार हिंदू और बौद्ध धर्म जैसे धर्मों की जन्म स्थली के रूप में भारत को पहचाना जाता है भारत की अधिकांश जनसंख्या हिंदू धर्म से संबंध रखती है भारत अधिक जनसंख्या वाला एक बड़ा देश है

जहां विभिन्न धर्मों के लोग अपने अनोखी संस्कृति के साथ एक साथ रहते हैं देश के कुछ मुख्य धर्म हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन और यहूदी है जहां विभिन्न धर्मों के लोग अपने अनोखी संस्कृति के साथ एक साथ रहते हैं यहां लोगों का सामाजिक जुड़ाव लंबे समय तक रहता है भारतीय अपनी संस्कृति के लिए अधिक समर्पित हैं और सामाजिक संबंधों को बनाए रखते हैं भारत देश में नारी को सम्मान देने की गौरवशाली परंपरा रही है हमारी संस्कृति धारण है कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है

उस पर देवता प्रसन्न रहते हैं वहां सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है हमारे समाज में नारी को गृह लक्ष्मी कहा गया है जिस परिवार में नारी का अच्छा सम्मान और उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है तो उस घर में सुख शांति और समृद्धि का अभाव होता है पूरे विश्व भर में भारतीय संस्कृति बहुत प्रसिद्ध है विश्व के बहुत रोचक और प्राचीन संस्कृति के रूप में इसको देखा है धार्मिक क्षेत्र में 9वी और बीसवीं सदी में भारतीय संस्कृति ने ही पश्चिमी देशों को अधिक प्रभावित किया है

आज भी भारतीय संस्कृति का धार्मिक और दार्शनिक स्वरूप विदेशों को अत्यधिक प्रभावित कर रहा है विश्व के सभी पश्चिमी और पूर्वी देश भारतीय संस्कृति की महत्ता के सामने नतमस्तक हैं शांति की खोज में अनेक विदेशी लोग यहां आते रहते हैं संसार का कोई भी देश संस्कृति के बिना जीवित नहीं रह सकता भारत की अपनी संस्कृति विश्व मानवता को सुख देने की है यहां पर सभी को सुखी और निरोगी देखने की प्रतिदिन प्रार्थना की जाती है

भारतीय राज्यों में जिलों की संख्या